तलाक के मुकदमे की कार्यवाही के लिए वित्तीय योजना बनाना
एैसा कहा जाता है कि न्यायालय और अस्पतालों में एक व्यक्ति की सारी जमा पंूजी समाप्त हो जाती है और इसके कारण एक राजा भी कंगाल हो जाता है । हम सभी ने समाचार पत्रों में रितिक रोशने के तलाक के मामले में 400 करोड़ की अनुमानित राशि और अब जैफ बीसोज़ के मामले में $36 ठपससपवद के तलाक के समझौते की राशि के बारे में समाचारा पत्रों में पढ़ा है । हालांकि उनके पास खर्च करने के लिए इतना रूप्या था लेकिन मध्यम वर्गीय परिवार के व्यक्ति के लिए जो कि तलाक की कार्यवाही भुगत रहा हो वह इतना खुशकिसमत नहीं होता है । तो एक व्यक्ति कैसे अपने तलाक की कार्यवाही के दौरान और उसके पश्चात अपनी वित्तीय स्थिति का प्रबंधन करे ।
हालांकि कि काननूी तौर पर वित्तीय योजना को काला पैसा और वर्तमान में चल रहे हालातों को मद्येनज़र रखते हुए सावधानीपूर्वक योजित करना असंभव है । यहां कुछ बातों का वर्णन किया गया है कि एक व्यक्ति किस प्रकार से तलाक की कार्यवाही को भुगत सकता है या फिर तलाक की संभावना के लिए स्वयं को बेहतर तौर पर तैयार कर सकता है ।
1. वास्तव में प्रत्येक व्यक्ति अपने उज्जवल भविष्य और आस्मिक और अप्रत्याशित घटनाओं के लिए अपनी जमा पंूजी को बचा कर रखता है । जिस प्रकार से समाज चल रहा है उस हिसाब से तलाक की कार्यवाही पहले के मुकाबले और अधिक बढ़ गई है । इन अप्रत्याशित घटनाओं के चलते आपके द्वारा पहले से जमा की छोटी पूंजी आपको लम्बे समय तक सहारा देगी । इसमें से एक तरीका ैप्च्जिसे आम तौर पर व्यवस्थित निवेश योजना कहा जाता है उसमंे छोटी राशि बचाना । मेरे आज तक के अनुभव के अनुसार व्यक्ति स्वयं को किसी कार्यवाही में शामिल हाने के वित्तीय पहलू को नज़रअंदाज कर देता है जिसके कारण उसे काफी नुकसान पहुंचता है । इसलिए मैं यह महसूस करता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी शादी के तुरन्त बाद प्रत्येक महीने छोटी राशि से ैप्च् खाता खोलना चाहिए । इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति के पास पयाप्त जमा पूंजी है जिसके प्रयोग करके वह किसी भी प्रकार की जरूरत को पूरा कर सकता है और कानूनी मुकदमेबाज़ी के मुकदमे को लड़ने के लिए, भरण-पोषण या एकमुश्त रखरखाव की राशि देने के लिए वित्तीय रूप से सक्षम हो, यदि एैसा होता है तो यदि कोई व्यक्ति इतना भाग्यशाली हो सकता है कि उसके खिलाफ कोई मुकदमा न चल रहा हो तो तब यही राशि उसके दूसरे आनंदपूर्ण हनीमून के लिए प्रयोग की जा सकती है । प्रत्यके व्यक्ति इस ैप्च्की राशि को कानूनी मुकदमेबाज़ी के लिए एक बीमे के तौर पर देख सकता है ।
2. पूरी कानूनी कार्यवाही के दौरान या उससे पहले वित्तीय संरचना की बहुत बड़ी भूमिका होती है । यदि व्यक्ति इस पहलू का सही प्रकार से प्रबंधन कर सकता है तो तब वह व्यक्ति बहुत बड़ी राशि बचा सकता है और अपनी पत्नी@बच्चों को बहुत बड़ी राशि अदा करने से स्वयं को बचा सकता है । यही रूप्या स्वयं के लिए, अपने माता-पिता और प्रियजनों के लिए प्रयोग किया जा सकता है । काननूी तौर पर इस हथियार का प्रयोग एक व्यक्ति अपने माता-पिता की सुरक्षा के लिए, ऋण प्रबंधन, सेवानिवृति, भूमि के बंटवारे, बच्चों की पढ़ाई और उनके विवाह के लिए कर सकता है । प्रत्येक व्यक्ति को अपने वैवाहिक सम्बन्धों में उत्पन्न होने वाले विवाद के तुरन्त बाद से ही इस वित्त्तीय संरचना को तैयार करना शुरू कर देना चाहिए । हालांकि एैसी वित्तीय संरचना को तैयार करने में कोई देरी नहीं होती फिर चाहे वह कार्यवाही के दौरान हो ।
3. अलग इकाई गठन के पहलू को भी कार्यवाही से पहले के स्तर के रूप मेें समझा जाये और इस विकल्प को असल मालिक को कड़ी मेहनत के द्वारा जमा की गई पूंजी, निवेश की राशि और एक व्यक्ति के द्वारा अपने जीवनकाल के दौरान अर्जित सम्पत्ति के संरक्षक की तरह सुनिश्चित किया जाये । यह हमारे देश में लागू आयकर के सम्बन्ध में भी प्रभावी और कानून कर की योजना है । यहां यह जानना भी अवश्क है कि एैसी इकाईयां भी हैं जो अपने व्यापार, निवेश और धन को किसी साझेदारी फर्म में साझेदार बन कर भी प्रयोग कर सकते हैं । एैसे चयनित व्यक्ति को वही कर में वही छूट दी जायेगी जो कि हर व्यक्ति को दी जाती है, जैसे कि कर की स्लैब दरें, धारा 80सी, परिवार के सदस्यों के लिए स्वास्थय बीमे का प्रमियम, ब्याज के लिए दावे की राशि की कटौती और अन्य चीजों के साथ-साथ स्वयं द्वारा अर्जित आवासीय सम्पत्ति।
4. यह एक आम कहावत है कि ेजपबी पद जपउम ेंअमे दपदम और यह उन मामलों पर लागू होती है जहां व्यक्ति का समय-निर्धारण उसकी किसमत लिखता है । समय पर की गई वसीयतनामा@या गिफ्ट डीड अनावश्यक विवादों और कानूनी कार्यवाही की प्रक्रिया से बचने के लिए लम्बे समय तक काम आते हैं । वसीयतनामा एक एैसा दस्तावेज़ है जिसके द्वारा एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में यह घोषित कर देता है कि उसके मरने के बाद उस वर्तमान और भविष्य में मिलने वाली चल एवं अचल सम्पत्ति उसके द्वारा चयनित किये गये लाभार्थी को मिले न कि किसी अन्य अवांछित व्यक्ति को। इस लेख को पड़ने वाले व्यक्तियों को यह बताना आवश्यक है कि वसीयतनामा इसे निष्पादक के द्वारा उसके जीवनकाल में कभी भी निरस्त एवं रद्य किये जाने वाला दस्तावेज़ है । गिफ्ट डीड एक एैसा दस्तावेज़ है जहां एक सम्पत्ति किसी भी व्यक्ति को स्वेच्छा से उसके वांछित व्यक्ति के हक में हस्तांतरित कर दी जाती है । गिफ्ट ग्रहण करने वाला व्यक्ति अपने जीवनकाल में उस सम्पत्ति को ग्रहण कर सकता है । जैसे ही गिफ्ट डीड निष्पादित कर दी जाती है तो उसके तुरन्त बाद ही उसके पूर्व का स्वामि अपनी सम्पत्ति पर अपना स्वामित्व खो देता है और इसे निरस्त या बदला नहीं जा सकता, जब तक कि कानून मंे एैसा कोई प्रावधान नहीं दिया गया हो ।
किसी भी व्यकित के द्वारा प्रभावी योजना और उसकी व्यक्तिगत आवश्यकतों को उसकी परिस्थितियों, उसके मकसद, जोखिम उठाने की क्षमता, वर्तमान निवेश सूची और उस पर लागू होने वाले अवसर और विकल्पों पर अच्छा प्रभाव डालते हैं ।
अस्वीकरणः उपरोक्त सामान्य लेख केवल जागरूकता के आदेश के लिए तैयार किया गया है और इसके द्वारा लेखक किसी भी प्रकार की गैर कानूनी वित्तीय योजना को तैयार करने का सुझाव नहीं देता है ।
मेरे द्वारा उपरोक्त में मेरे समक्ष आये ज्यादातर प्रश्नों के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण दिया गया है। यदि आपको कोई अन्य प्रश्न के बारे में जानना हो जो कि उपरोक्त में वर्णित नहीं की गई हो तो आप इसके बारे में कमैन्ट सैक्शन में या मेरी EMAIL – info@shoneekapoor.com पर पूछ सकते हैं ।
2 Comments
क्या पति माननीय प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय के महोदय के आदेश अनुसार 125 के आदेश के तहत भरण-पोषण राशि दे रहा है तो धारा 12 घरेलू हिंसा अधिनियम में पारित आदेश भरण-पोषण को चुनौती दी जा सकती है
नहीं दोनों जगह अलग अलग भरण पोषण का आदेश पारित हो सकता है.