भारत में झूठे बलात्कार के मामलों का बचाव कैसे करें ?
बलात्कार की परिभाषा में जबरन यौन संबंध शामिल हैं। बलात्कार “एक महिला के साथ उसकी सहमति के बिना जबरदस्ती करके यौन संबंध बनाने का कार्य है, ,जो गलत प्रतिनिधित्व या धोखाधड़ी करके या ऐसे समय में जब वह नशे में हो या मानसिक स्वास्थ्य या अन्य किसी भी कारण से अस्वस्थ हो, यदि उसकी आयु 18 वर्ष से कम है,तब बनाया गया हो । बलात्कार एक ऐसा अपराध है जो तेजी से बढ़ रहा है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में बलात्कार के झूठे मामले बढ़ रहे हैं।
बलात्कार के मामले चिंताजनक दर से बढ़ रहे हैं और देश को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए इसमें गिरावट का अच्छा अनुपात होना जरूरी है।
भारत में झूठे बलात्कार के मामलों के खिलाफ बचाव पर चर्चा करने से पहले, आइए हम भारत के परिदृश्य और आंकड़ों को समझें जो भारत में झूठे बलात्कार के मामलों की दर या किए जा रहे दावों को दर्शाते है। इससे साबित होता है कि झूठे बलात्कार के दावे भारत में एक वास्तविकता हैं, न कि केवल कल्पना की उपज। बनाए गए कानून लिंग-तटस्थ नहीं हैं और इसलिए उनका दुरुपयोग करने की योजना बनाने वालों के द्वारा उन्हें दोधारी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित झूठे बलात्कार के मामले बदले की भावना , आक्रामकता, ब्लैकमेलिंग आदि जैसे कारणों से लगाए जाते हैं।
झूठे बलात्कार के आरोप कितने आम हैं
बलात्कार एक ऐसा आरोप है जिसे लगाना आसान है लेकिन साबित करना कठिन है, और अभियुक्तों द्वारा बचाव करना और भी कठिन है। एक बलात्कार का आरोप अभियुक्तों के जीवन को एक विनाशकारी मोड़ देता है, उन्हें सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर देता है और कई मामलों में, उनके व्यावसायिक जीवन और राजस्व के स्रोत को बर्बाद कर देता है। बलात्कार एक कष्टदायक घटना है और एक महिला को इस भयानक घटना के बारे में बोलने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है। लेकिन क्या भारत में सभी बलात्कार के मामले सच हैं? या उन्हें कुछ अनुचित लाभ प्राप्त करने या बदला लेने के लिए झूठे दावों के साथ दायर किया जा रहा है; आदि।
जहां यौन अपराधों के पीड़ितों की पहचान प्रकट करना एक दंडनीय अपराध है, पर यही सिद्धांत कथित या वास्तविक अपराधियों के मामले में लागू नहीं होता है, जिनके नाम और व्यक्तिगत विवरण को स्वतंत्र रूप से प्रसारित किया जा सकता है। लेकिन अब समय आ गया है, जब अभियुक्तों को ‘झूठे दावों’ से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है और भारत में झूठे बलात्कार के मामलों के अनुपात को कम करने के लिए भी कदम उठाने की आवश्यकता है।
भारत में झूठे बलात्कार के मामलों में खतरनाक वृद्धि; सख्ती से निपटने की जरूरत है [i]
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा था कि झूठे बलात्कार के मामलों में खतरनाक वृद्धि हुई है और इसकी दृढ़ता से जाँच की जानी चाहिए। इसमें आगे कहा गया है कि बलात्कार के झूठे आरोपों में अभियुक्त के जीवन और करियर को नष्ट करने की क्षमता है। “एक झूठे बलात्कार के मामले में आरोपी अपना सम्मान खो देता है, अपने परिवार का सामना नहीं कर पाता है, और जीवन भर के लिए कलंकित हो जाता है। आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध के संबंध में आरोप सीधे-सीधे व्यक्तिगत हिसाब चुकता करने के लिए नहीं लगाए जा सकते हैं।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने बलात्कार के अपराध के लिए एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा, जिसमें पार्टियों ने दलील दी थी कि उन्होंने इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है और समझौता कर लिया है। अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों ने यहां अमन विहार पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) के तहत अपराधों के लिए एक-दूसरे के खिलाफ क्रॉस-केस दर्ज किए थे। न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा, “वर्तमान मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पक्षों ने बलात्कार के अपराध के प्रति संवेदनशीलता के बिना बलात्कार की शिकायत दर्ज करने का सहारा लिया हैं।
एक अन्य घटना में, मध्य प्रदेश में एक महिला [iii] ने चार पड़ोसियों पर सामूहिक बलात्कार का झूठा आरोप लगाया और उन्हें दस साल की सजा सुनाई गई। महिला और उसका दामाद एक रिश्ते में थे और उन्होंने 2014 में अपने चार पड़ोसियों को फंसाने का फैसला किया क्योंकि उनकी उनसे नहीं बनती थी। पूछताछ के दौरान, दामाद ने कबूल किया कि वह शिकायतकर्ता के साथ रिश्ते में था और उन्होंने अपने पड़ोसियों को फंसाने के लिए झूठा मामला दर्ज किया, जो उनके साथ छोटी-छोटी बातों पर लड़ते थे।
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो डेटा रिकॉर्ड के अनुसार, 2018 और 2020 के बीच हरियाणा पुलिस द्वारा निपटाए गए 40% बलात्कार के मामले “झूठे” थे [iv]। सजा दर प्रत्येक 10 में से दो घटनाओं से कम थी। पुलिस ने तीन वर्षों में 4,093 मामलों का निपटारा किया, जिनमें से 1,650 (40.3 प्रतिशत) बलात्कार की प्राथमिकी झूठी पाई गईं। 2018 में, “एक ही महिला से बार-बार बलात्कार” से संबंधित 276 में से 104 शिकायतें (37.7 प्रतिशत) झूठी पाई गईं। संबंधित संख्या 2019 में 184 में से 60 (32.6 प्रतिशत) और 2020 में 403 शिकायतों में से 181 (44.9 प्रतिशत) थी।
बलात्कार कानूनों का अपरिभाषित क्षेत्र
भारतीय दंड संहिता ( आई.पी.सी ) की धारा 375 पुरुषों या तीसरे लिंग के खिलाफ बलात्कार से संबंधित नहीं है। यह भारत में बलात्कार कानूनों की सबसे बड़ी खामी है। हालाँकि, ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ पुरुषों के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ की गई है और उन्हें कुछ गलत उद्देश्यों को हासिल करने के लिए झूठे बलात्कार के आरोपों में फँसाया गया है। लेकिन हमारा कानून इस पर मौन है।नया कानून बनाना या कुछ संशोधन करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि कानून अधिक लिंग-तटस्थ हों क्योंकि भारत में बलात्कार के मामले खतरनाक दर से बढ़ रहे हैं।
कोई भी पुरुष की गरिमा और सम्मान की चर्चा नहीं करता है क्योंकि सभी केवल महिलाओं के आधिकारो और सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जा रहे हैं, जिसका दुरुपयोग एक महिला कर सकती है, लेकिन ऐसी महिला से पुरुष को बचाने वाला कानून कहां है, जब उसे प्रताड़ित किया जा रहा है और झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। भारत में झूठे बलात्कार के मामलों को कम करने के प्रयास में ऐसी महिलाओं पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि पुरुषों को इन महिलाओं से सुरक्षित रखना आवश्यक हैं ।
बलात्कार के झूठे आरोपों से लड़ना
क्या आप पर बलात्कार करने का झूठा आरोप लगाया गया है? इसे हल्के में न लें क्योंकि बलात्कार के आरोप गंभीर हैं। भले ही बलात्कार के आरोप झूठे हों, उनके परिणाम लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। यदि आप एक झूठे बलात्कार के आरोप का शिकार हैं, तो सबसे पहले आपको एक आपराधिक वकील से संपर्क करना होगा, जो आपका मार्गदर्शन करेगा और झूठे आरोपों का उपयुक्त जवाब देने में आपकी मदद करेगा और उनके खिलाफ आपका बचाव करेगा।
झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय
निम्नलिखित कुछ सुझाव हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए जब आप पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया जा रहा है:
अभियोक्ता से दूर रहें
यह आपके लिए बेहद जरूरी है कि आप आरोप लगाने वाले से शारीरिक रूप से (फिजिकली) ही नहीं बल्कि आभासी रूप से (वर्चुअली) भी दूरी बनाए रखें। इसका मतलब है कि आपको आरोप लगाने वाले से मिलना या संपर्क नहीं करना चाहिए। इससे आपको आगे के आरोपों से सुरक्षित रहने में मदद मिलेगी।
यदि आप अभियोक्ता से दूर नहीं रह सकते हैं क्योंकि वह आपके कार्यस्थल पर आपकी सहयोगी भी हो सकती है तो सुनिश्चित करें कि कोई तीसरा पक्ष मौजूद है जो आपके लिए गवाह के रूप में कार्य कर सकता है। अभियोक्ता के साथ संचार से बचें, जैसा कि ऊपर सुझाव दिया गया है, उसे कोई ईमेल, संदेश या व्हाट्सएप न भेजें। यह आपको परेशानी में डालेगा और इस तथ्य को ध्यान में रखें कि आप जो कुछ भी कहेंगे या लिखेंगे, वह आपके खिलाफ अदालत में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
हिम्मत रखे और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें
हम समझते हैं कि बलात्कार का झूठा आरोप एक बहुत ही निराशाजनक और चिंताजनक मामला है, लेकिन आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखना होगा। आपको अपना समय और ऊर्जा अपने अगले कदम तय करने और खुद को सुरक्षित रखने के तरीके तय करने में लगाना चाहिए। यहाँ तक कि आरोप लगाने वाले से भी अपनी भावनाएँ व्यक्त न करें; बस उससे दूर रहे।
अन्यत्र उपस्तिथी: इसे साबित करने के लिए तकनीक का उपयोग करें
यह बहुत अच्छा होगा यदि आप यह साबित कर सकें कि आप निर्धारित समय पर अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे और आप कहीं और थे; यह किसी सबूत या गवाह के साथ साबित किया जा सकता है। आप इसे अपनी जीपीएस लोकेशन या अन्य तकनीकी साधनों जैसे सीसीटीवी फुटेज इत्यादि के माध्यम से साबित कर सकते हैं।
साबित करें कि शिकायतकर्ता आदतन झूठा है
आप यह साबित कर सकते हैं कि शिकायतकर्ता आदतन झूठ बोलती है और उसने अन्य पुरुषों के खिलाफ भी उन्हें ब्लैकमेल करने या उनसे पैसे ऐंठने के लिए इसी तरह के मामले दर्ज किए हैं। आप इसे साबित करने के लिए सोशल मीडिया की मदद ले सकते हैं क्योंकि वहां आपको कुछ सुराग मिल सकते हैं
प्रति परीक्षा
यह कार्यवाही का एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण है और इसका बुद्धिमानी से उपयोग यह साबित करने के लिए किया जाना चाहिए कि प्रस्तुत साक्ष्य झूठा था। इसका उपयोग यह साबित करने के लिए किया जा सकता है कि आरोप लगाने वाले का मकसद बदला लेना या ब्लैकमेल करना और धन उगाहना था, यह बैंक स्टेटमेंट, सेल फोन इतिहास, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से किया जा सकता है। जिरह के दौरान, आप शिकायतकर्ता के साथ अपने पिछले संबंध पर भी जोर दे सकते हैं।
किसी भी संभावित मकसद का आकलन करें
एक आपराधिक अधिवक्ता यह पता लगाने में आपकी सहायता करेगा कि आपके और आपके अभियोक्ता की ओर से कौन- कौन से उद्देश्य मौजूद हो सकते हैं। यह आपकी रक्षा करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण सुराग है, यदि आप यह साबित कर सकते हैं कि आरोप लगाने वाले के पास आपको बलात्कार के मामले में झूठा फंसाने का मकसद था तो यहाँ स्थिति आपके पक्ष में जाएगी। आरोप लगाने वाले का मकसद बदला लेना ; ईर्ष्या करना; या कुछ और भी हो सकता है जिसका आपको विश्लेषण करके उसे साबित करना होगा।
अगर यहाँ आपसी सहमति थी तो इसे साबित करें
यदि आप यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि संभोग सहमति से हुआ था तो यह आरोप लगाने वाले को नुकसान में डाल सकता है। आपको अपने अधिवक्ता को प्रासंगिक साक्ष्य प्रदान करने की आवश्यकता है। आप उन सबूतों को दिखा सकते हैं जो आपके पक्ष में जाते हैं जो यह दर्शाता है कि आरोप लगाने वाले और आपने यह कार्य सहमति से किया था और यह कोई जबरन कार्य नहीं था।
घटनाओं और संभावित गवाहों का विस्तृत विवरण
अपने अधिवक्ता को उन घटनाओं के बारे में विवरण प्रदान करने का प्रयास करें जिनके कारण आप पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया गया है अपने अधिवक्ता से कुछ भी न छिपाएं, उन्हें घटनाओं की हर छोटी-छोटी जानकारी दी जानी चाहिए। आपको उन लोगों पर भी ध्यान देने की कोशिश करनी चाहिए जो आपके गवाह हो सकते हैं।
बलात्कार के अपराध का झूठा आरोप लगाना कानून का दुरुपयोग है और यह अदालतों और पुलिस का महत्वपूर्ण समय बर्बाद करता है। झूठे मुक़दमों के कारण असली मुक़दमे दबे रह जाते हैं और उन पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जाता। कानूनों को पुरुषों और तीसरे लिंग के प्रति भी उनकी पीड़ा को ध्यान में रखते हुए विकसित करने की आवश्यकता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय [v] ने कहा कि “अब समय आ गया है कि झूठे बलात्कार के मामलों में आरोपित पुरुषों की गरिमा की रक्षा करने और उन्हें बहाल करने के लिए कानून बनाए जाएं क्योंकि हर कोई सिर्फ महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए लड़ रहा है”। सिर्फ इसलिए कि झूठे बलात्कार के आरोपों के खिलाफ पुरुषों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है, यह लड़ाई का अंत नहीं है। आप हमेशा एक झूठे बलात्कार के मामले में बुद्धिमानी से और एक वकील के सही मार्गदर्शन के साथ चतुराई से लड़ सकते हैं। आपको ऊपर दिए गए सुझावों पर अमल कर अपने दावे को मजबूत बनाने की जरूरत है।
[i] https://indianexpress.com/article/cities/delhi/alarming-rise-in-false-rape-cases-need-to-be-dealt-strongly-delhi-high-court-7457488/
[ii] https://www.thehindu.com/news/national/delhi-high-court-expresses-worry-over-alarming-increase-of-false-rape-cases/article36042093.ece
[iii] https://www.hindustantimes.com/india-news/mp-woman-falsely-accused-4-neighbours-of-gang-rape-sentenced-to-10-years-101635426415800.html
[iv] https://www.tribuneindia.com/news/haryana/40-rape-cases-declared-false-by-haryana-police-315777
[v] https://www.firstpost.com/india/time-to-have-laws-protecting-dignity-of-men-charged-with-false-rape-cases-delhi-court-2637154.html
14 Comments
Sir
मेरे बेटे को एक लड़की के द्वारा जो उसकी गर्लफ्रेंड थी. 376(2)(n) -IPC 506IPC, 115(2)bns 351 (2)bns 64(2)(m)bns धारा में FIR की है.
अग्रिम ज़मानत सेसन कोर्ट से रिजेक्ट हो गया है
हाई कोर्ट में अग्रिम ज़मानत के लिए एप्लीकेशन
को लगाया जायेगा.
आप की अनुमति होगी तो, व्हाट्सप्प में डिटेल जानकारी भेजूंगा. 🙏🏻
कृपया सहायता करें 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Kindly contact my office on +91-7428418261
sar ak ladki nai maray husband ko jothy kash mai fasa diya hai.nabalik kash mai apnay aap relasan banay .sir mai kya karo maray chotay chotay bach hai
Aap 7428418261 par call karein aur appointment le kar baat karein.
Hello sir, I want to talk to you personally about a case, can you share your number?
kindly contact my office on +91-7428418261
Meri Facebook me kisi se baat Hui or wo dusra district me rhati hy or me dusre district. me wo muhje blackmail krni lgi or wo akhir kar mere r 376 ka case file kr di pr usme ghatna ka date nai di hy ky isse mere case kamjor ho sakta hai
Aap apni FIR email karein aur website par diye gaye no. par baat karein
Sir ma ladki ke sath relation mein tha Kareeb 1 year and ham teen bar physical way ek hi lodge ( hotel) mein and usne mere upar case Dala ki maine shaadi ka Vada karke jabardasti usi ke sath rape Kiya hotel mein camera tha ham donon ne apna Aadhar Card Diya signature Kiya 6 ghante hotel mein the aur 20 din ke bad complain ha police walon ne mujhe arrest Kiya lekin dedh mahine bad mujhe jamanat mil gai abhi mujhe har hafte mein ek bar police station jakar hajiri Dena hota hai kuchh samajh nahin a Raha main kya Karun aage kya hoga kuchh pata nahin chal raha hai please suggest me
Aap trial face karein, allegations ko prove karne ka burden ladki ke upar hai.
सिर्फ मुझे हासिल करने एंव रुपये एंठने के लिए मुझपर झुठा रेप केस लगवा दिया मुझे पुरा बर्बाद कर दिया सर मैंने आत्महत्या का भी प्रयास किया कारण मेरी पुरी इज्जत खराब हुई इतना बड़ा षंडयंत्र कीया गया क्रुपया उपाय बताए सर
Atmahatya koi upaye nahi hai mere dost. Case ladein aur apne aapko begunah saabit karein. Aap mujhe mail kar sakte hain info@shoneekapoor.com par.
India ka kanoon my foot.. Delhi ki lady judge he never understand..I am also going to Suside.. because Relationship 2 logon ki marzi se bante hain. Saza kisi ek ko bhugatni padti hai.. Aur Marne se pehle kuch Aisa karunga
Suicide can never be a solution.